बेटी
मैया तेरी फुलवारी की ,
मैं एक फूल मासूम,
फिर क्यों तोड़ मुझे ,
किसी ओर को सौंप देती?
क्या दर्द न होता तुमको?
बिछड़ कर मुझसे।
क्यों पत्थर दिल बन जाते बाबा?
अपने दिल के टुकड़े से,
युही अनजान क्यों बन जाते हैं?
ऐसी रीति जग कि,
खुदा तुने बनाया क्यों?
अपने ही घर में हमको,
तुने पराया बनाया क्यों?
ऐसी थी अगर मजबूरी,
तो दुनिया में आने से पहले,
हमको तुमने समझाया क्यों नहीं??