बेटी
♡♤ बेटी ♤♡
माँ के हाथों का साथ है बेटी,
नई मुस्कान की सौगात है बेटी,
बेटी का प्रेम आँखों में बसता,
परिवार के आँखों की मूरत है बेटी।
पिता के धीर का साथ है बेटी,
कर्मो के प्रतिफल की सौगात है बेटी,
बेटी का प्रेम दिल में बसता,
बाप के हाथों का महादान है बेटी।
भाईयों के एकता की ढाल है बेटी,
खेल और रक्षा का साथ है बेटी,
बहन का प्रेम आजीवन है खलता,
भाई के गर्व की धार है बेटी।
ससुराल और मायके का पुल है बेटी,
हर रिश्ते की मझधार है बेटी,
सारे कलह का अन्त हो जाये,
सब जन समझते बहू सम बेटी।
ममता की मूरत सम्मान है बेटी,
घर की करछुली आन है बेटी,
सँजती सँजाती वात्सल्य सुख पाती,
दो घरों का सम्मान है बेटी।