बेटी
जब गूंजी बेटी की किलकारी
आंगन में रौनक छाई थी…
दादाजी जी की लक्ष्मी घर आई
दादी का बचपन लाई हैं…
मां की सहेली बनकर आईं
पापा के प्यार की वो हकदार बन कर आई है….
भाई की वो लाडली बनकर आई
किसी के घर की बहार बनकर आई है…
जब गूंजी बेटी की किलकारी
आंगन में रौनक छाई थी…
दादाजी जी की लक्ष्मी घर आई
दादी का बचपन लाई हैं…
मां की सहेली बनकर आईं
पापा के प्यार की वो हकदार बन कर आई है….
भाई की वो लाडली बनकर आई
किसी के घर की बहार बनकर आई है…