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26 Sep 2021 · 1 min read

बेटी

बेटी होती राजकुमारी
सबके दिल की राजदुलारी
माँ पापा की बड़ी लाडली
भैया की यह बहना प्यारी

गुड्डा – गुड़िया खेल खेलती
खूब लगाकर मन यह पढ़ती
इक दिन अपने मात पिता का
नाम जगत में रोशन करती

जब बेटी बन जाती दुल्हन
रिश्तों का बढ़ जाता आँगन
बनता फिर परिवार नया है
बेटी से खिलता घर उपवन

बेटी दोनों घर का गहना
बेटी का तो क्या है कहना
ले जाती जिस ओर हवा है
उसी दिशा में इसको बहना

बेटी से संसार चला है
बेटी से व्यवहार चला है
बेटी से ही बेटों का सुख
बेटी से परिवार चला है

26-09-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
3 Likes · 355 Views
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