बेटी है अभिमान, देश की है शान
बेटी है अभिमान, देश की है शान
बेटा- बेटी में करें जो भेद ।
उसे रहेगा सदा यह खेद ।
बहन मिले ना बेटी मिले ।
सामाजिक संबंधों से रहें विच्छेद ।।
बेटी होती घर में तो ।
आंखों में शर्म बनी रहे ।
बाप – बेटी के बीच में ।
यूं ना ऐसे ठनी रहे ।।
जो करता बेटी से प्यार ।
मिले उसे माता का दुलार ।
प्यार बना रहे रिश्तों में ।
कभी ना हो कोई तकरार ।।
भाई को छोटी बहन मिले ।
प्यारा सा घर में फूल खिले ।
बेटे की कमी ना कभी खले ।
अपनों से दिल यूं खूब मिले ।।
युगों- युगों से सीता- राधा ने ।
बेटी की शान बढ़ाई है ।।
वीरांगना लक्ष्मीबाई जी ने ।
इंदिरा गांधी और सुषमा स्वराज ने ।
क्या खूब राजनीति चलाई है ।
मनु भाकर ,वान्या मिश्रा ने ।
देश की आन बढ़ाई है ।।
कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है ।
जहाँ आज न बेटी छाई है ।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में ।
बेटी ने धूम मचाई है ।।
बेटी पढ़ाओ ,बेटी बचाओ ।
भ्रूण हत्या को न गले लगाओ ।
जय कन्या शिशु का नारा लगाकर ।
गर्व से बेटी के बाप कहलाओ ।।
मिलकर कदम बढ़ाए हम।।
बेटी को मान, मिले ना कम ।
उसकी आंख ,रहे ना नम ।
हम सब खाए, ऐसी कसम ।।
देश की आन बचाई है ।।