माखन मिश्री
माखन🌹
माखन मिश्री की डली,
नंदलाला को भाय
छींको अति ऊपर लग्यो
गोपाला पहुंच न पाय,
माखन नहीं मैं खायो
विनती सुन मईया मोरी,
बरबस ग्वाल बाल लगायो
मुंख मा करके बरजोरी,
देख लला की माखन लीला
जसोदा बलि बलि जाय
मोर मुकुट,भाल चंद्रमा संग
अधरन् पर बंसुरीबाजे सुहाय
माखन चोरी ,रास लीला संग
कृष्णावन धेनु चरावनजाय
नटवर नागर नंदा का भजन
जपै,सबजनम सुफल होइ जाय.
डॉ कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी लखनऊ
कुमुद श्रीवास्तव वर्मा..