बेटी लक्ष्मी रूप है
बेटी लक्ष्मी रूप है,ईश्वर का वरदान।
पालें इनको प्रेम से,कहता सकल विधान।।
बेटी करती त्याग बहु,समझे सकल समाज।
दो कुल को है जोड़ती,करती पावन काज।।
बेटी बनती है बहू, बहू बने फिर मात।
तीन रूप बेटी रखे,ईश्वर की सौगात।।
शिक्षित बेटी कीजिए,देकर उत्तम ज्ञान।
कहता कविवर ओम यह, बेटी घर की शान।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम