बेटी भी अब तो समर में आ गई हैं।
गज़ल
2122……….2122………2122
सारी दुनियाँ की नजर में आ गई है।
बेटी भी अब तो समर में आ गई हैं।
कोई कोना है नहीं इनसे अछूता,
जिंदगी के हर सफर मे आ गई है।
जिंदगी ये खूबसूरत है इन्हीं से,
बात दिल में हर बशर में आ गई है।
बन गई अनजान से दिलजान मेरी,
अब तो वो मेरे जिगर मे आ गई है।
क्षेत्र कोई हो उपस्थित हर जगह पर,
देश दुनियाँ से ख़बर मे आ गई है।
रूप कोई हो बहन बेटी या पत्नी,
हर खुशी मानों कि घर में आ गई है।
प्रेम प्रेमी कब हुए उसके बिना भी,
प्रेमिका बनकर शहर में आ गई है।
…….✍️ प्रेमी