बेटी बेटा कह रहे, पापा दो वरदान( कुंडलिया )
बेटी-बेटा कह रहे, पापा दो वरदान( कुंडलिया )
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बेटी-बेटा कह रहे , पापा दो वरदान
हम भी एम एल ए बनें, कर दो टिकट प्रदान
कर दो टिकट प्रदान , तभी बोली घरवाली
बाँटोगे जब सीट , भूल मत जाना साली
कहते रवि कविराय , सियासत घर में लेटी
राजनीति दामाद , भतीजा साला बेटी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99 97 61 545 1