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8 Mar 2018 · 2 min read

बेटी बचाओ बेटी पढाओ

दृढनिश्चय
*************
रामनरेश अपनी पत्नी को लेकर जांच घर पहुंचे….आज अल्ट्रासाउंड से यह पता करना था कि जया के कोख में बेटा पल रहा है या बेटी।
एक अजीब तरह की चिंता थी उन्हें ……अबतक पिछले सात पुस्त से उनका आंगन बेटी विहीन था और अब वो नहीं चाहते थे कि आठवें पुस्त में आकर यह कलंक का टीका उनके सर लग जाय। रामनरेश के इस फैसले में जया भी भरपूर समर्थन दे रही थी कारण जया को भी बेटी जनना अपमानजनक लग रहा था।

जैसे ही उनका नंबर आया जया जांच के लिए अंदर गई वहाँ जांच करनेवाला वाला एक पुरूष था जिसे देख जया झल्ला गई…..यहाँ कोई महिला कर्मी नहीं है क्या जो महिलाओं की जांच कर सके..? जया ने पुरूष जांचकर्मी से मुखातिब हो झल्लाहट भरे स्वर में प्रश्न किया।

वैसे भी इन पहाड़ी सुदूर इलाकों में महिला कर्मचारियों की सेवायें ना के बराबर हीं होती है…इस जांच घर में एक महिला कर्मचारी थी भी तो वह घरेलू समस्याओं के कारण आये दिन छुट्टी पर ही रहती थी….आज भी वह छुट्टी पर ही थी …….उस पुरूष कर्मचारी ने जया को बताया ।
जया संकोचवश जांच के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रही थी जांच में हो रही देरी से परेशान रामनरेश अन्दर घूस आया और आते ही उस पुरूष जांचकर्मी से मुखातिब हो बोला…भाईसाब क्यों देर कर रहे हो जांच में…..जल्दी कर दो यार हमें और भी बहुत काम है …..गर्भ में अगर बेटा हुआ तो ठीक वर्ना एबार्शन के लिए किसी असार्वजनीक चिकित्सालय भी जाना होगा, साम को “बेटी बचाओं बेटी बढाओ” सभा की अध्यक्षता भी करनी है ताकि समाज में नासुर बन चूके इस कुप्रथा का अंत हो सके।

रामनरेश की बातों को सुनकर, वह जांचकर्मी हतप्रद रह गया…..वह समझ नही पा रहा था इंसानी प्रवृत्ति को, जो आदमी अभी कोख में ही बेटी को मारने की बात कर रहा है वहीं बेटी बचाओ बेटी पढाओ जैसे समाजिक संगठनों का संचालन भी कर रहा है, उसकी बीवी जांच के लिए महिला जांचकर्मी ढूंढ रही है…….जया भी रामनरेश के बातों से खुद को ठगा ठगा सा महसूस कर रही थी आज पहली बार उसे खुद के सोच पर अपनी मनोबृति पर लानत भेजने का जी कर रहा था।

जया बीना जांच कराये उस जांच घर से वापस आ गई ……..आज उसके माथे पर दृढनिश्चय के भाव परिलक्षित हो रहे थे….?बेटी को बचाने एवं पढाकर जीवन में खुब आगे बढाने सफलता के चरम सीमा तक ले जाने की?।।
……………..✍
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
ग्राम + पो. – मुसहरवा (मंशानगर)
प.चम्पारण – बिहार
८४५४५५
#साहित्य_सागर

Language: Hindi
292 Views
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