बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं।
देश का नाम आगे बढ़ाओं।।
पढ़ेगी बेटी – बढ़ेगी बेटी।
हक के लिए लड़ेगी बेटी।।
इसीलिए मैं कहता हूं,
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं।
देश का नाम आगे बढ़ाओं।।
झांसी की रानी भी बेटी थी,
देश के लिए लड़ती थी।
अपने को संभालती थी,
दूसरे को संवारती थी।।
इसीलिए मैं कहता हूं,
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं।
देश का नाम आगे बढ़ाओं।।
बेटी के बिना जग सुना है
बेटी की बिना घर सुना है।
बेटी की बिना हम सुना है,
बेटी के बिना तुम सुना है।।
इसीलिए मैं कहता हूं,
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं।
देश का नाम आगे बढ़ाओं।।
बेटी घर की लक्ष्मी है,
यही किसी की मम्मी है।
यही किसी की पम्मी है,
इसी की तो कमी है।।
इसीलिए मैं कहता हूं,
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं।
देश का नाम आगे बढ़ाओं।।
कवि – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳