बेटी को लेकर सोच बदल रहा है
समाज में बेटी को लेकर
अब सोच बदल रहा है।
अब मिल रहा है बेटी को भी
परिवार मे पुरा- पुरा सम्मान है।
अब बेटी को भी मिल रहा है,
बेटा जैसा ही प्यार है।
मिल रहा है बेटी को भी,
उच्च से उच्च शिक्षा का अधिकार है।
अब किसी तरह की बेड़ियो से
बेटी को जकड़ा नही जा रहा है।
अब बेटी के लिए भी
खोल दिया गया आसमान है।
अब हर घर से बेटियों को
पढने के लिए
बाहर भेजा जा रहा है।
बेटे और बेटी मे तुलना
अब नही करते माँ-बाप है।
अब नही रही माँ-बाप के नजरो मे
बेटी पराये घर का समान।
अब माँ-बाप के नजरो मे
बेटा अगर माँ-बाप का तन है
तो बेटी माँ-बाप का है मन।
यह अनामिका खुश है
समाज मे बदले हुए परिवर्तन से
गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है
जब देखती है किसी भी बेटी को
ऊँचे से ऊँचे स्थान पर अपना
मंजिल हासिल करते हुए।
अनामिका