*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)
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बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी
1)
ध्यान रहे यह एक अकेली, पिय के घर जाएगी
जितना संभव सुर से सुर लय, ताल मिला पाएगी
लाए इसे पराए घर से, रहे हमेशा याद जी
2)
हम तो दूर शहर में रहते, कभी-कभी आऍंगे
सास-ससुर से मधुर बोल की, शिक्षा दे जाऍंगे
परिणीता को पूर्ण प्यार से, देना नित आह्लाद जी
3)
खटपट हो तो कभी मनाना, कभी रूठ भी जाना
दर्पण लेकिन परम नेह का, नहीं कभी चटकाना
जुड़ा रहेगा पावन रिश्ता, सात जन्म के बाद जी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451