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18 Feb 2022 · 1 min read

बेटी की सगाई

जिस बेटी को पलकों पर रखा,
आज वो हो रही पराई है,
पापा की परी जो बन कर रही,
आज उसकी शादी है।

सारा घर मंगलमय हो गया,
पूरा परिवार एकजुट हुआ,
खुशियां है चारों ओर बिछी हुई,
सबके चेहरों पर मुस्कान है।

पर कुछ चेहरे ऐसे भी है,
जहां खुशी के साथ–साथ गम भी है,
आंखों से बहते अश्रु धारे,
इस बात के गवाह हैं।

बेटी रोई, पापा रोए,
मां और भाई की आंखे भी भर आई,
ये आशु खुशी के हैं या गम के,
ये बताना मुमकिन नहीं।

लोगों का कहना है की,
बेटी पराई होती है,
पर आपको क्या लगता है?
इसमें कितनी सच्चाई होती है।

जिस बेटी को पलकों पर रखा,
जो पूरे घर की राजदुलारी है,
पापा की वो नन्हीं परी,
क्या कभी पराई हो पाएगी?

कहते हैं पिता चिंतामुक्त हुआ,
आखिर बेटी की जो सगाई है,
पर सबसे बड़ी चिंता तो,
इस घड़ी में आई है।

अपने घर की राजदुलारी को,
किसी और के घर भेजना है,
वहां कितनी खुशी मिलेगी उसको?
इस चिंता में पिता का दिन बीतता है।

बेटी की सगाई पूरी हुई,
अब बिदाई की बारी है,
खुशी का सुनहरा सा माहौल,
गम में तब्दील हो गया।

पापा के गले लगकर बेटी,
अश्रु का समंदर बहाती है,
पिता के घर को छोड़ चली बेटी,
पति के घर है जा रही।

पापा की वो नन्हीं परी,
अपना परीलोक छोड़ कर जा रही,
पिता के अश्रु रोके न रुकते,
आखिर बेटी की जो बिदाई है,

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 746 Views
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