Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2017 · 1 min read

बेटी आई घर-आँगन महकाई

बेटी आई घर-आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

सागर की मोती जैसी
दीया की बाती जैसी
जगमगाती ज्योति आई
बेटी आई घर -आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

पिता की दुलारी है
माँ की प्यारी है
सबकी राजदुलारी आई
बेटी आई घर -आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

कुल दीपक कुल की शान है
दोनों कुल की रखती मान है
मरूभूमि में फूल खिलाती आई
बेटी आई घर -आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

सागर सी गहराई है
इरादा भी फौलादी है
छूने आसमान आई
बेटी आई घर- आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

चाँद तारे मुट्ठी में लाई
सूरज सा चमक लाई
रचने नया इतिहास आई
बेटी आई घर -आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

युगों युगों की कहानी है
प्रीत इसकी पुरानी है
सबकी आँखों में पानी लाई
बेटी आई घर-आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई

माँ भारती की बेटी है
राष्ट्र की नव-निर्मात्री है
अमिट छाप छोड़ने आई
बेटी आई घर -आँगन महकाई
खिलखिलाती धूप सी आई ।

Language: Hindi
2 Likes · 1041 Views

You may also like these posts

पर्वत को आसमान छूने के लिए
पर्वत को आसमान छूने के लिए
उमेश बैरवा
" प्रतीक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
दिल्ली की बिल्ली
दिल्ली की बिल्ली
singh kunwar sarvendra vikram
देख कर ही सुकून मिलता है
देख कर ही सुकून मिलता है
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...?
नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...?
पंकज परिंदा
😊 आज का शेर-
😊 आज का शेर-
*प्रणय*
वास्तव में ज़िंदगी बहुत ही रंगीन है,
वास्तव में ज़िंदगी बहुत ही रंगीन है,
Ajit Kumar "Karn"
वाणी में शालीनता ,
वाणी में शालीनता ,
sushil sarna
8. *माँ*
8. *माँ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
2887.*पूर्णिका*
2887.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जीवन का आधारभूत सच, जाना-पहचाना है (हिंदी गजल)*
*जीवन का आधारभूत सच, जाना-पहचाना है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
डॉक्टर रागिनी
तुम समझते हो कि हम रिश्ते की दुहाई देंगे,
तुम समझते हो कि हम रिश्ते की दुहाई देंगे,
Jyoti Roshni
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
gurudeenverma198
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
सुप्रभात
सुप्रभात
Rituraj shivem verma
हिन्दी पहचान
हिन्दी पहचान
Seema gupta,Alwar
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
है शामिल
है शामिल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पग पग दीप करे उजियारा।
पग पग दीप करे उजियारा।
अनुराग दीक्षित
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
ओसमणी साहू 'ओश'
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जाम अब भी बाक़ी है ...
जाम अब भी बाक़ी है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
गतिमान रहो
गतिमान रहो
श्रीकृष्ण शुक्ल
Loading...