बेटियों तुम्हें करना होगा प्रश्न
जब कोई तुम्हें बुलाकर ले जाए अपने घर
और थाली में धुलवाये तुम्हारे पाँव
पाँवों में लगाए घी
माता का रूप मान कर
तुम्हारी करे पूजा
ध्यान रखो ठीक उसी समय
पूजा होने से ठीक पहले
तुम्हें करना होगा प्रश्न पूजने वाले से
जानना होगा तुम्हें अपने प्रश्नो का उत्तर
केवल उत्तर ही नही समाधान भी
पूछना होगा तुम्हे
जब नारी इतनी सम्मानीय है
इतनी पूजनीय है
नारी का त्याग इतना अनुकरणीय है
तो वह सुरक्षित क्यों नही
क्यों होता है उसके साथ दुराचार
क्यों होता है उस पर अत्याचार
संस्कार, समाज या मरी हुई संवेदना
कौन है इसका जिम्मेदार।
यदि मिले उत्तर के साथ समाधान
तभी पूजवाना अपने पाँव
याद रखो जब प्रश्न करोगी
तभी निकलेगा समाधान।
-रमाकान्त चौधरी
उत्तर प्रदेश