*बेटियॉं जब से कमाने लग गईं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
बेटियॉं जब से कमाने लग गईं (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
रंग अपना अब जमाने लग गईं
बेटियॉं जब से कमाने लग गईं
2
काम आरक्षित सदा पुरुषों के जो
बेटियॉं वह आजमाने लग गईं
3
हाथ में लेकर किताबें जब चलीं
शारदा मॉं सच कहाने लग गईं
4
बेटियॉं ही काम आईं कष्ट में
प्रश्न के सब हल बताने लग गईं
5
बेटियॉं व्यवसाय में आगे बढ़ीं
और पुरुषों को हराने लग गईं
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451