बेटियां
कदम से कदम मिला रही बेटियां
घर परिवार कुल का नाम बढ़ा रही बेटियां
पुराने जमाने की तोड़ रूढ़िवादी परंपरा
नया जमाना ला रही है बेटियां
जाकर हर क्षेत्र में आगे
अपना हुनर दिखा रही बेटियां
हमको समझा गया पैरों की जूतियां
अब उनको दिखा रही जूतियां
सदियों से जकड़ी जंजीरों से
अब अपनी मंजिल खुद बना रही है बेटियां
अबला है ना शब्द उनके हिस्से का
अब तो आसमान छू रही बेटियां
जनाजे पर सिर्फ ना अब बेटे जाते
कांधे पर लिए जा रही बेटियां
हर कार्यों पर है आगे ही आगे
बेटों से कदम मिला रही बेटियां
सावित्री बाई फुले, इंदिरा गांधी, सुनीता, कल्पना,
लता मंगेशकर बन कदम बढ़ा रही बेटियां
सारे फैसले खुद ले रही बेटियां
अब वक्त है एहसान चुकाने को
शिक्षित समाज बना रही बेटियां