बेटियां
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
माँ सरस्वती के आशीर्वाद एवं सतगुरु की प्रेरणा से मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी दसवीं कविता -नारी शक्ति को समर्पित -बेटियों के रूप में
#विषय: बेटियां#
जनक की सीता हैं बेटियां
तो शिव की शक्ति भी हैं बेटियां
बहती हुई शीतल धारा हैं बेटियां
तो प्रचंड अग्नि ज्वाला भी हैं बेटियां -1
माँ के अंश का टुकड़ा हैं बेटियां
तो पिता का मान हैं बेटियां
भाई के लिए दुआ हैं बेटियां
तो बहिन की परछाई हैं बेटियां -2
कहीं लक्ष्मी तो कहीं सरस्वती हैं बेटियां
तो कहीं काली स्वरूपा हैं बेटियां
कहीं गंगा तो कहीं यमुना हैं बेटियां
तो कहीं सरस्वती कहीं नर्मदा हैं बेटियां -3
पहले बेटी फिर बहिन हैं बेटियां
तो कहीं पत्नी तो पुत्रवधु हैं बेटियां
तो फिर सृष्टि की जननी हैं बेटियां
तो कही ममता की मूरत हैं बेटियां -4
माँ के आँगन की तो पिता की पगड़ी की इज्जत हैं बेटियां
भाई के अभिमान की तो बहिन की सच्ची सहेली हैं बेटियां
एक अनजान पुरुष की अर्धागनी हैं बेटियां
तो एक नए घर की पहचान हैं बेटियां -5
कहीं माँ मरियम तो कहीं झाँसी की रानी हैं बेटियां
कहीं मदर टेरेसा तो कहीं इंदिरा गाँधी हैं बेटियां
कहीं कल्पना चावला तो कहीं सानिया मिर्जा हैं बेटियां
कहीं भारतीय सेना की शान हैं बेटियां -6
बेटियां हैं तो हम हैं आप हैं
बेटियां नहीं तो घर अभिशाप है
कहीं घर में गीता तो कहीं कुरान हैं बेटियां
कहीं गुरु की वाणी तो कहीं बाइबिल हैं बेटियां -7
सबसे अधिक बोझ सहने वाली धरती माँ हैं बेटियां
तो पापों को धोने वाली गंगा माँ हैं बेटियां
किसान की लहलाती फसल हैं बेटियां
तो सिर का मुकुट और सरताज हैं बेटियां -8
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान