बेटियां
ये कैसा है सिस्टम
ये कैसी है शान
हर दिन हो रहा है
बेटियो का अपमान
क्यो दे रहे है
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे
फिर जा के भूल जा रहे है किनारे
ये कैसा सम्मान
ये कैसी अभिलाशा
हर दिन हो रहा है बेटी पर तमासा
इतिहास गवाह है
जब भारी बिपदा आयी है
तब रण के खेतों में
बेटिया विजय लायी है
उखाड़ दुश्मन के किले
जब बेटी बढ़ती जाए
तो दुश्मन के सर पर दुख के बादल छाए
तो फिर क्यो ऐसी है समस्या
क्यो बेटी ही करे तपस्या
क्यो दे रही है अपनी जान
ये कैसा है सिस्टम
ये कैसी है शान
हर दिन हो रहा है
बेटियो का अपमान