Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2020 · 1 min read

“बेटियां”

बेटियों को तो अपनी सारी जंगे खुद ही लड़ना पड़ता है,
मान अपमान की बेड़ियो से खुद को ही जकड़ना पड़ता है,
बेटियों को तो अपनी सारी जंगे खुद ही लड़ना पड़ता है।
वो बेटे ही होते हैं जिनका हर क़ुसूर माफ़ होता है,
बेटियों को तो हर गुनाह का ताज पहनना पड़ता है,
हजार ख्वाहिशें दफन कर सीने में, मोम सा पिघलना पड़ता है,
बेटियों को तो अपनी सारी जंगे खुद ही लड़ना पड़ता है ।
ना हो गम का साया कोई, परिवार सदा खुशहाल रहे,
होंठो पर अपने इसलिए ,मुस्कान लिए फिरना पड़ता है,
बेटियों को तो अपनी सारी जंगे ,खुद ही लड़ना पड़ता है।
पिता की इज्जत , भाई की पगड़ी ,माँ के संस्कार सलामत रहे,
अंधेरो में भी इसलिये सुख का दीपक जलाना पड़ता है,
बेटियों को तो अपनी सारी जंगे खुद ही लड़ना पड़ता है।।

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 462 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पूर्वार्थ
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
3497.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3497.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
दुनिया की अनोखी पुस्तक सौरभ छंद सरोवर का हुआ विमोचन
The News of Global Nation
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
खुदा ने इंसान बनाया
खुदा ने इंसान बनाया
shabina. Naaz
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
Sanjay ' शून्य'
शीर्षक – मां
शीर्षक – मां
Sonam Puneet Dubey
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
कहां की बात, कहां चली गई,
कहां की बात, कहां चली गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिंदी दिवस विशेष
हिंदी दिवस विशेष
Shubham Anand Manmeet
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
Saraswati Bajpai
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
gurudeenverma198
"जिन्दादिली"
Dr. Kishan tandon kranti
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
..
..
*प्रणय*
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
Ajit Kumar "Karn"
ये दुनिया
ये दुनिया
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यारा सा स्कूल
प्यारा सा स्कूल
Santosh kumar Miri
Dead 🌹
Dead 🌹
Sampada
मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
Keshav kishor Kumar
"कर्म की भूमि पर जब मेहनत का हल चलता है ,
Neeraj kumar Soni
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
Indu Singh
ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
Monika Arora
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...