बेटियां
बेटियां
सृष्टि की अनमोल धरोहर जग की सबसे न्यारी है
घर वो मंदिर हो जाता बेटी जहां दुलारी हो
रखती सबको पलकों पर सबका सम्मान बचाती है
बेटी ही संसार में ममता की मूरत बन आती है
नहीं कोई भी बेटी बिन इस जग में खुश रह पाता है
बेटी से चलता है जीवन बेटी बिन रुक जाता है
बेटी का सम्मान करो उसे जग से प्यार सिखाओ
बेटी को सारे जग का मतलब भी बताओ
✍? पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
?writer_shukla
To be continued……..