बेटियां…….
उदासी छाई हो तो खुशनुमा मंजर बनातीं हैं,
हमारी ज़िंदगी को और भी बेहतर बनातीं हैं|
अभागे हैं जो हरदम बेटियों को कोसते रहते,
अरे ये बेटियाँ ही हैं जो घर को घर बनाती हैं|–आरसी
उदासी छाई हो तो खुशनुमा मंजर बनातीं हैं,
हमारी ज़िंदगी को और भी बेहतर बनातीं हैं|
अभागे हैं जो हरदम बेटियों को कोसते रहते,
अरे ये बेटियाँ ही हैं जो घर को घर बनाती हैं|–आरसी