बेटियां
नील छंद
विधान ~ भगण×5 + गुरु
शील विनीत समाहित सुन्दर सोहक है।
रूपवती बिटिया अतिपावन मोहक है।।
शारद सीय इला हर रूप मनोहर है।
है जगती बिटिया अनमोल धरोहर है।।
रूपहि सौम्य सुता अति निर्मल पावन है।
शोभित ही करती बिटिया घर आँगन है।।
भाग्य जगें बिटिया जब जन्म धरा पर हो।
निर्भय श्रेष्ठ बने बिटिया मति तत्पर हो।।
सौम्य मिश्रा अनुश्री