बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
उनके जैसा कोई ना वो खुद जैसी होती है।।1।।
आजादी पर है सबका अधिकार।
फिर ये बेटियां क्यूं रीति रिवाज में रहती है।।2।।
बेटियां है तो घर आंगन हंसता है।
ये बेटियां हर जिन्दगी में उजाला करती है।।3।।
सब्र का दामन थामकर जीती है।
ता उम्र बेटियां रिश्तों का ख़्याल रखती है।।4।।
खुदा की रहमत वहां बरसती है।
जहां पर ये बेटियों कैद में ना सिसकती है।।5।।
बेटियां बनकर खुश्बू महकती है।
जिस घर गुलशन में ये फूल सी खिलती है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ