Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2023 · 1 min read

किसान की तैयारी

किसान की तैयारी 🚩🚩

गांव का किसान ,

वर्षा के आनें का इंतजार

करता हुआ ….

अबकी बरसा आई है ,

इक नई आस जगाई है ,

धान की लगी बुआई है ,

गेहूं की लगी दँवाई है ,

जमकर बरसो मेघा कारे

हमरे खेत में सोना बरसा रे

मडहा में गईया रम्भा रे

तकता किसानअम्बर वर्षा रे ..

कहीं सूखा की मार ,

कहीं बाढ की रफ्तार ,

धरती मां से करे पुकार,

हर हाल में कृषक लाचार,

सुना है अबकी वर्षा अच्छी होगी ,

फसलों की हरी चुनर धरती पर होगी ,

मैं फसल बेच कर आऊंगा ,

अपनें सब कर्ज चुकाऊंगा ,

किसान बस आस लगाता है ,

मेहनत से फसल उगाता है ,

पर लागत से कम पाता है ,

अवसाद में आत्महत्या कर जाता है |

कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी

1 Like · 265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
वंसत पंचमी
वंसत पंचमी
Raju Gajbhiye
अपवित्र मानसिकता से परे,
अपवित्र मानसिकता से परे,
शेखर सिंह
नशा
नशा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"" *स्वस्थ शरीर है पावन धाम* ""
सुनीलानंद महंत
क्यों रिश्तों में आता है बदलाव
क्यों रिश्तों में आता है बदलाव
Chitra Bisht
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
कल शाम में बारिश हुई,थोड़ी ताप में कमी आई
Keshav kishor Kumar
बीत गया सो बीत गया...
बीत गया सो बीत गया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
VINOD CHAUHAN
इस ठग को क्या नाम दें
इस ठग को क्या नाम दें
gurudeenverma198
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
Rj Anand Prajapati
" सुनव "
Dr. Kishan tandon kranti
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
Sanjay ' शून्य'
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
“ऐसी दोस्ती”
“ऐसी दोस्ती”
DrLakshman Jha Parimal
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
पंकज परिंदा
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
Dushyant Kumar
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
फूलों से सीखें महकना
फूलों से सीखें महकना
भगवती पारीक 'मनु'
जीवन और जिंदगी
जीवन और जिंदगी
Neeraj Agarwal
Grandma's madhu
Grandma's madhu
Mr. Bindesh Jha
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*यादें कोमल ह्रदय को चीरती*
*यादें कोमल ह्रदय को चीरती*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
4357.*पूर्णिका*
4357.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...