किसान की तैयारी
किसान की तैयारी 🚩🚩
गांव का किसान ,
वर्षा के आनें का इंतजार
करता हुआ ….
अबकी बरसा आई है ,
इक नई आस जगाई है ,
धान की लगी बुआई है ,
गेहूं की लगी दँवाई है ,
जमकर बरसो मेघा कारे
हमरे खेत में सोना बरसा रे
मडहा में गईया रम्भा रे
तकता किसानअम्बर वर्षा रे ..
कहीं सूखा की मार ,
कहीं बाढ की रफ्तार ,
धरती मां से करे पुकार,
हर हाल में कृषक लाचार,
सुना है अबकी वर्षा अच्छी होगी ,
फसलों की हरी चुनर धरती पर होगी ,
मैं फसल बेच कर आऊंगा ,
अपनें सब कर्ज चुकाऊंगा ,
किसान बस आस लगाता है ,
मेहनत से फसल उगाता है ,
पर लागत से कम पाता है ,
अवसाद में आत्महत्या कर जाता है |
कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी