बेटियां।
ईश्वर का वरदान होती है बेटियां।
ह्रदय फट जाता है जब रोती है बेटियां।।
क्यूं आजादी से ना रहती है बेटियां।
कठपुतली बनकर क्यूं जीती है बेटियां।।
जन्म से घरों में कैद होती है बेटियां।
क्यूं इनके पैरों में इतनी होती है बेड़ियां।।
हर व्यक्ति के पीछे होती है नारियां।
फिर भी इंसा क्यूं ना चाहता है बेटियां।।
देवीय रूप में घरों में होती है बेटियां।
बुढ़ापे का सहारा अब होती है बेटियां।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ