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28 Jun 2019 · 1 min read

बेटियाँ

मान हूँ अभिमान हूँ अपने घर की शान हूँ मैं
बाबा के आँगन में थिरकती हुई मुस्कान हूँ
भाग्य नहीं सौभाग्य से मिला वरदान हूँ
जनक के द्वारा किया सबसे बड़ा कन्यादान हूँ

बाबुल कि बगिया की भोली चिड़िया हूँ
अपने पिता की मैं तो इक गुड़िया हूँ
हर पल खुशियाँ संजोती ऐसी घडियां हूँ
रोशन करती जहां को ऐसी फुलझड़िया हूँ

पल भर में जो कर देते मुझको पराई
क्या कर सके मेरे प्यार की भरपाई
हर एक बन्धन जोड़े रखने वाली
मैं ही तो हूँ दो घर रोशन करने वाली

Language: Hindi
3 Likes · 274 Views
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