बेटियाँ
जिस आँगन में कन्या नहीं,
वो घर किस काम का होगा,
जिस घर में वो चिडिया न चेह्की
उस घर कैसा संगीत होगा
जिस घर में उस की किलकारी न गूंजी
उस घर कैसा अंदाज होगा
जिस घर ने उस को आगे न बढाया
उस घर कैसे विकास होगा
जिस घर न आयी दुल्हन
वो घर किस काम का होगा
बेटी को जन्म देना
कितना जरूरी है संसार में
इनके बिना कहाँ घर चलते हैं
रहते हैं सब वीरान से
इन का पढना लिखा कितना जरूरी है
तभी तो प्रगति करेंगे
देश और यह वीराने मकान रे!!
इस की बगिया को महकने में
साथ देना होगा महिला को
जन्म देना और उस का हक़
छीन लेना, यह कैसा गुमान रे !!
अजीत तलवार