Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

माँ बाप का बड़ा अरमान होती हैं बेटियाँ

हमारे घरों की अनोखी शान होती हैं बेटियाँ

हमारे गोद में डालता जब परमात्मा है इन्हें

हर घर को खुशहाल बनातीं है ये बेटियाँ

बहुत प्यारी और मासूम होती हैं ये बेटियाँ

हर दिल को रिझा माफिक बनाती है बेटियाँ

कुछ मूर्ख नासमझ ..इन्हें गर्भ में ही मारते

पैदा ही नहीं होने देते वे ये प्यारी बेटियाँ

क्या उन्हें यह भी नहीं होती मालूम

कि जन्म देकर उन्हें भी पालतीं ये बेटियाँ

है ख़ुदाई और कायनात का भी बजूद भी
इसलिये

क्योकि बराबर की संख्या में जन्म लेती हैं
बेटियाँ

उच्च शिक्षा और उच्च संस्कार यदि उन्हें
भी मिले

डॉक्टर इंजीनयर प्रोफेसर वकील बन हर
जगह नाम रोशन करती है बेटियाँ

पड़े जो वक्त कभी दुर्गा..कभी लक्ष्मी और
सरस्वती भी बन जाती हैं ये बेटियाँ

भारत का परचम सब जगह लहरातीं यह
गौरवशाली बेटियाँ

(सभी बेटियों को समर्पित ये कविता)

1 Like · 1058 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
gurudeenverma198
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
गुमनाम 'बाबा'
4027.💐 *पूर्णिका* 💐
4027.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन का प्रथम प्रेम
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
यह लड़ाई है
यह लड़ाई है
Sonam Puneet Dubey
मेहनत
मेहनत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"शाही व्यंजन"
Dr. Kishan tandon kranti
🌹💖🌹
🌹💖🌹
Neelofar Khan
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक पुष्प
एक पुष्प
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*तपन*
*तपन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये मेरा स्वयं का विवेक है
ये मेरा स्वयं का विवेक है
शेखर सिंह
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
Mamta Singh Devaa
मित्र
मित्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
केशों से मुक्ता गिरे,
केशों से मुक्ता गिरे,
sushil sarna
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
Rj Anand Prajapati
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
मिलन
मिलन
Dr.Priya Soni Khare
कैसे कहे
कैसे कहे
Dr. Mahesh Kumawat
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
Ajit Kumar "Karn"
शोर बहुत करती हैं,
शोर बहुत करती हैं,
Shwet Kumar Sinha
लिखने जो बैठता हूँ
लिखने जो बैठता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
🌸प्रकृति 🌸
🌸प्रकृति 🌸
Mahima shukla
जिन्दगी तेरे लिये
जिन्दगी तेरे लिये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
Monika Arora
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
*प्रणय*
आँचल की मर्यादा🙏
आँचल की मर्यादा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...