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23 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

बेटियाँ ठुमकत अँगना,तुतले-तुतले बोल,
छम-छम पायल की छमक,छिन कितने अनमोल।१।
जग में तीरथ बेटियाँ,तारत दो परिवार,
है पहिला तो मायरा,दूजा है ससुरार।२।
मनोयोग से बेटियाँ,सम्हाले घर-बार,
रँग-बिरँगी राँगोलियाँ,साजत अँगना-द्वार।३।
औलादों में बेटियाँ,नंबर वन औलाद,
नहीं रही अब छुइ-मुई,अब हैं ये फौलाद।४।
मुसीबतों में बेटियाँ,मात-पिता के संग,
तीर्थ कराने बन श्रवन,लै जावे ये गंग।५।
बेटियाँ अबला न रहीं,अब दुर्गा-अवतार,
दुर्जन-दुष्टों का करें,सरे-आम संहार ।६।

Language: Hindi
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