बेटियाँ
ऑखो में काजल लगाती बेटियाँ
कभी ऑसू बहाती बेटियाँ
कभी दो टूक कर दे दिलों को
कभी रिश्तों को रफू कराती बेटियाँ
कभी ख्वाबों की चादर बुनती
आजादी का जश्न मनाती बेटियाँ
कभी मुकम्मल कर देती जिंदगी
कभी खुद अधूरी रह जाती बेटियाँ
कभी ऑसुओ में डुबा दे जिंदगी
कभी जिन्दगी को रंगती बेटियाँ
वर्जनाओ में घुट घुट कर जीती
फिर भी चाँद पर पहुँचती बेटियाँ
जन्म से पहले कोख में मारी जाती
फिर भी जिन्दगी को जन्म देती बेटियाँ
मीनाक्षी दिल्ली