बेटियाँ
बेटो की चाह में
क्यों मार रहे बेटियाँ
काँटे नही ये
फ़ूल है बेटिया
भैया की कलाई
का प्यार है बेटियाँ
जमीं से आसमाँ तक
आज छाईं है बेटियाँ
नही किसी से कम
हर सफलता पाई है बेटियाँ
इंद्रा सुनीता कल्पना जमीं
आसमाँ तक छाई है बेटियाँ
अब करो सम्मान
हमारी दुलारी है बेटियाँ
???माधुरी पौराणिक???