बेटियाँ ??
बिटिया तेरा जन्मदिन ,लगता है यूँ खास
सुन ली ऊपरवाले ने , सफल हुई अरदास
जगत में पुत्री रत्न ही , बाँटती है प्रकाश
बेटी पाकर पा लिया, बाहों में आकाश
बेटी होने से पिता ,बन जाता धनवान
बनता कर्ण सम दानी,करके कन्यादान
संकट में पानी देगा ,रखते पुत्र की आस
बादल बन पुत्री बरसे, हरे प्रेम से प्यास
बेटी तुझ पर भार है , शेषनाग सम जान
गंगा गायत्री रूप में, करना जग कल्याण
वंश चलाये मानव का ,तज के कायारूप
पुत्री तेरे आँचल में, पलती छाया धूप
माँ ,पत्नी ,बेटी बनी, लोगों के सेवार्थ
जन्म हुआ है पुत्री का ,करने को परमार्थ
पुत्री मन कोमल जैसे ,नव पल्लवित डाली
उसे देख प्रफुल्लित है, बगियाँ व रखवाली
इतिहास रचा जग में ,चमकाया मस्तक भाल
बेटियों ने फहराया , परचम बड़ा विशाल
पुत्री रतन अनमोल है, ज्यों सीपी में मोती
तुझसे है किलकारियाँ, घर आँगन में ज्योति
दहेज विषैला दंश है ,कुटिल स्वार्थ का बाज़
कुरीति तज अब बनाओ, नारी शक्ति समाज
आज बिलखती बेटियाँ ,निशाचरों का राज
चिरहरण पांचाली का, बरसायेगा गाज़