बेटा बेटी में भेदभाव ना कीजिये
बेटे को तुम लाड लड़ाते
बेटी को क्यों दुत्कार रहे।
बेटे ने क्या गुल खिलाया
बेटी को क्यूँ नकार रहे।।
बेटे को पब्लिक स्कूल बजे
बेटी को शिक्षा देते नहीं।
बेटे की हर जिद्द पूरी करते
बेटी पर देते ध्यान नहीं।।
बेटा कभी तुम्हे दुत्कार देगा
बेटी कभी ऐसा नहीं करेगी।
चाहे किसी हालत में रखना
बेचारी ना उफ्फ तक करेगी।।
बेटे की तुम गाली भी सुनते
बेटी की भावना समझा करो।
लाड प्यार की भूखी है वो
हर ख्वाहिश पूरी किया करो।।