बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटी तो पढ़ भी रही है, आगे भी बढ़ रही है
ससक्त हो रही है,हर क्षेत्र में कीर्तिमान रच रही है
अब समय आ गया है,बेटा पढ़ाओ संस्कारवान बनाओ
न रहे संस्कार तो हो जाएं होशियार
नहीं है समझ तो बन जाएं समझदार
आधी आबादी अब नहीं सहेगी
अत्याचारों से डटकर लड़ेगी
अब समय बदल गया है, आने बाला कल बेटों का नहीं
बेटियों का हो गया है
इसलिए कहता हूं जनाब, बेटे को पढ़ाईए
संस्कारवान बनाईए