बेच रहे हैं अंग….
छंद कुण्डलिया (दोहा + रोला)
(दोहे के अंतिम चरण से रोले के प्रथम चरण का आरम्भ
व कुण्डलिया का प्रारंभिक व अंतिम शब्द एक ही)
चीनी जिससे हैं डरे, करते क्या-क्या ढोंग.
अभ्यासी वह वर्ग है, पावन ‘फोलुन गोंग’.
पावन ‘फोलुन गोंग’, सरलतम जीवनशैली.
करते योग निरोग, वैश्विक प्रतिभा फ़ैली.
उन पर अत्याचार, करें आजादी छीनी.
छीन बेचते अंग, आज उनके ये चीनी..
इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’