“बेचारी की फ़ितरत में, राग़ नहीं है ग़म वाला। “बेचारी की फ़ितरत में, राग़ नहीं है ग़म वाला। अंदलीब क्या गाएगी, मौसम है मातम वाला।।” 😢प्रणय प्रभात😢