“बेचारा किसान”
चलता जा तू चलता जा, अब मंजिलें करीब है।
ये कहने वालों देख लो, किसान क्यूं गरीब है।।
कहने को तो लोग इसे, कह रहें भगवान है।
फिर क्यूं जहर खा कर, मर रहा किसान है।।
अपने खून से है सींचता, हम जो खा रहे अनाज ये।
भगवान का ये रूप है, हमको इस पे नाज है।।२
चलता जा तू चलता जा ये देश का किसान है,
ये देश का किसान है, महान है महान है ये मेरे देश का। किसान है।।
जय हिंद🇮🇳
Written by JD