बेघर हैं श्री राम अब , जनता मांगें न्याय
बेघर हैं श्री राम अब , जनता मांगें न्याय ।
जन नायक के नाम पर , कैसा है अन्याय?
कैसा है अन्याय ?आज वादी यह सोचें।
प्रतिवादी हित उच्च, न्याय पंखों को नोचे।
कह प्रवीण कविराय , न्याय करिए मत डरकर ।
तम्बू में क्यों राम, अवध पति क्यों कर बेघर ?
डाप्रवीण कुमार श्रीवास्तव , सीतापुर
09 -01 2019