Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2024 · 1 min read

बेखबर हम और नादान तुम

दोस्त ईमानदारी बहुत बड़ा शौक है इसे हर कोई नहीं पाल सकता, कहने और बनने में तो हर कोई ईमानदार कह और बन सकता है परन्तु उसकी हकीकत उनकी हरकतों में झलक ही जाती है,
ताज्जुब किया करते थे जो लोग, कभी दूसरे के कुकर्मो पर,
आज वे भी वही कर्म करने लग गए,
सब कुछ हो रहा था उनकी आँखों के सामने, फिर भी वो मूक दर्शक से बन गए,
फिर सोचा, कि शायद उन्हे न पता हो, काली करतूतों का,
देखा कुछ ऐसा, कि वे उसी सरगने का सरताज बन गए,
रोकना चाहा उन्हे, कुकर्मो के हिसाब बताकर,
इस चक्कर में बेखबर हम ही गुन्हेगार हो गए…… My new book ” बेखबर हम और नादान तुम “

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 94 Views

You may also like these posts

तकनीकी युग मे स्वयं को यंत्रो से बचाने के उपाय
तकनीकी युग मे स्वयं को यंत्रो से बचाने के उपाय
Bhupendra Rawat
*चौदह अगस्त 【गीतिका】*
*चौदह अगस्त 【गीतिका】*
Ravi Prakash
"समय के साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
पूर्वार्थ
LEAVE
LEAVE
SURYA PRAKASH SHARMA
छोड़ जाऊंगी
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मत करो हमसे यह परदा
मत करो हमसे यह परदा
gurudeenverma198
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
2728.*पूर्णिका*
2728.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
जागरूकता
जागरूकता
Neeraj Agarwal
उद्गगार
उद्गगार
Jai Prakash Srivastav
बसेरा
बसेरा
Chitra Bisht
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
भोर सुनहरी
भोर सुनहरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
झुलसता जीवन
झुलसता जीवन
C S Santoshi
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
सोचो तो बहुत कुछ है मौजूद, और कुछ है भी नहीं
सोचो तो बहुत कुछ है मौजूद, और कुछ है भी नहीं
Brijpal Singh
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
Sachin Mishra
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
Paras Nath Jha
निर्दोष कौन ?
निर्दोष कौन ?
Dhirendra Singh
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
Rj Anand Prajapati
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
मधुसूदन गौतम
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
कवि रमेशराज
*यादें प्रियतम की*
*यादें प्रियतम की*
Krishna Manshi
Loading...