बेकार हमेशा वह धन है परमार्थ की खातिर आया नहीं …
बेकार हमेशा वह धन है परमार्थ की खातिर आया नहीं …
धिक् है वह जीवन जिसने कभी देश का कष्ट बंटाया नहीं ,
धिक्कार हमेशा उस कवि को जिसने सोये में जोश जगाया नहीं ।
धिक्कार हमेशा उस सुत को ,जिसने दूध का कर्ज निभाया नहीं