बेकद्री
जिसमें इल्म़ की
क़दर नहीं
वह तो हमारा
शहर नहीं….
(१)
देश के दुश्मन
वही लोग
जो जात पूछते
हुनर नहीं…
(२)
जहां सभी हैं
हिंदू-मुस्लिम
कोई भी एक
बशर नहीं…
(३)
किसी शायर का
होने वाला
उसमें बिल्कुल
गुज़र नहीं…
(४)
गौतम और
नानक सबको
अमृत बांटते
ज़हर नहीं…
(५)
इस जंगल के
फूल हैं ये
इन पर ढ़ावो
कहर नहीं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#CommunalPolitics
#सृजनचेतना