बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
तेवर बदल दिये कमाई का जरिया देखकर
बढ़ गया प्यास का एहसास दरिया देखकर
मौसम के मिजाज पर किसका जोर चलता
लू , शीतलहर तो कभी हवा चीतचोर चलता
इच्छाएं तो हम इंसानो की कमजोरी है
वक्त ही के हाथ में जीवन की डोरी है
ना हो परेशान अपनी उमरिया ये देखकर
बढ़ गया प्यास का एहसास दरिया देखकर
लगातार कोशिश से खुद को काबिल कर
अथक प्रयास से कामयाबी हासिल कर
रूकावटें इरादों को मजबूत कर देती है
देर सवेर कर्म को फलीभूत कर देती है
मोर नाचने लगे काली बदरिया देखकर
बढ गया प्यास का एहसास दरिया देखकर
सोच से सोच को बदलना सीखिए
बच्चों सा अब भी मचलना सिखिए
मुश्किलो को आराम से निपट लिजिए
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
न रो ऐ आदमी अपनी झुकी कमरिया देखकर
बढ़ गया प्यास का एहसास दरिया देखकर
नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मौलिक स्वरचित