Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2019 · 1 min read

बूढा बरगद है कहाँ,

हरियाली को खा रहे,पत्थर होते गाँव !
बूढा बरगद है कहाँ,गायब पीपल छाँव !!
————————————-
पशु-पक्षी सब ढूंढते,रहने को आवास !!
हरियाली ने ले लिया,जंगल से सन्यास!
———————————
झुरमुट पेड़ों के गए,है कंकरीट की भीड़ !
उड़ते पंछी खोजते,रहने को अब नीड़ !!
————————————–
आँखों को अब है नहीं,रंगो की पहचान !
बिन पत्तों औ फूल के,घर सब रेगिस्तान !!

————————————-
गुलदानों में है सजे,अब कागज़ के फूल !
खुश्बू के बदले भरी, है अंदर तक धूल!!

Language: Hindi
3 Likes · 549 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमारे जीवन में हर एक रंग का महत्व है।
हमारे जीवन में हर एक रंग का महत्व है।
Annu Gurjar
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
4764.*पूर्णिका*
4764.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
शेखर सिंह
"आस"
Dr. Kishan tandon kranti
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
Y
Y
Rituraj shivem verma
वृद्धाश्रम का अब मिला,
वृद्धाश्रम का अब मिला,
sushil sarna
अर्थ शब्दों के. (कविता)
अर्थ शब्दों के. (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
दशमेश के ग्यारह वचन
दशमेश के ग्यारह वचन
Satish Srijan
कोई दरिया से गहरा है
कोई दरिया से गहरा है
कवि दीपक बवेजा
G
G
*प्रणय*
फूल या कांटे
फूल या कांटे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मई दिवस
मई दिवस
Neeraj Agarwal
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
Shweta Soni
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
HEBA
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
ग्रंथ समीक्षा- बुंदेली दोहा कोश भाग-1
ग्रंथ समीक्षा- बुंदेली दोहा कोश भाग-1
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
When you become conscious of the nature of God in you, your
When you become conscious of the nature of God in you, your
पूर्वार्थ
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
Er.Navaneet R Shandily
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
पूरी कर  दी  आस  है, मोदी  की  सरकार
पूरी कर दी आस है, मोदी की सरकार
Anil Mishra Prahari
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...