*बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)*
बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया (हिंदी गजल)
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1)
बूढ़ा हुआ जो बाप तो, लहजा बदल गया
बेटा ही डंक मार कर, आगे निकल गया
2)
आदर से बात करते थे, जब बेटे बाप से
वह दौर अब चला गया, वह कब का कल गया
3)
तारीख पड़ रही है मुकदमे में आज भी
गुजरा समय तो क्रोध भी जनता का टल गया
4)
महॅंगे वकील ला के खड़े कर दिए मगर
अभिशाप जो मिला था वह अभिशाप फल गया
5)
सच को सभी ने जॉंच कर परखा था देर तक
खूबी थी झूठ में कि दो पल में ही चल गया
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451