बुलंद हौसलों को मिले सहायता (महिला दिवस पर विशेष “कहानी”)
ज्योति गुमसुम सी कक्षा में बैठी सोच रही, मुझे क्रिकेट में रूचि होते हुए भी पापा खेलने से रोकते हैं , गांव में पढ़ रही तो क्या हुआ? मैं भी अपने हौसले बुलंद रखते हुए कामयाबी की उड़ान भर सकती हूं । महिला क्रिकेट की सचिन कही जानेवाली, टीम इंडिया की कप्तान मिताली राज जैसा खेलना मुझे । इतने में खेल शिक्षिका आई, कारण जाना, घर गई माता-पिता से मिलने ।
शिक्षिका ने कहा “भारत की बेटियों में बहुत दम” है। बस जरूरत है, हमें उनके हौसले की उड़ान को पूरा करने में सहायता कर उनके विकास हेतु जागरूक होने की ।