बुलंद उड़ान
बुलंद हौसला बुलंद उड़ान पर नज़र है।
नीले बादलों में उस जहान पर नज़र है।।
जहाँ सबको रोटी,शिक्षा और मकान मिले।
मेरी उस सुनहरे हिंदुस्तान पर नज़र है।।
इन कोशिशों को नादानी समझने वालों।
इस तिनके की हर इक तूफ़ान पर नज़र है।।
अपने पसीने से सींचा जिस फुलवारी को।
उन गुलों के खिलते गुलिस्तान पर नज़र है।।
सारे जहां पर तेरी नज़र तो है ‘सागर’।
जहां की मगर तेरे ईमान पर नज़र है।।