“बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
“बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
यूही ही इतिहास नहीं बना करते l
छोड़ आराम ,बेहिसाब तपना पड़ता है जीवन में,
युहीं हर कोई बुद्ध,कृष्ण,राम नहीं बना करते l”
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल”🕉️
“बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
यूही ही इतिहास नहीं बना करते l
छोड़ आराम ,बेहिसाब तपना पड़ता है जीवन में,
युहीं हर कोई बुद्ध,कृष्ण,राम नहीं बना करते l”
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल”🕉️