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29 Jun 2022 · 1 min read

बुरा वक्त और मनुष्य

पत्थर मिलेंगे राहों में
चप्पल न होंगे पाँव में
छांले फूटेंगे रातो में
मरहम न होगा हाथों में
भौरे भी तुझे सिखाएंगे
तरकश सी बात बनाएंगे
तू टूटेगा, सब छूटेगा
तू रोयेगा, पछतायेगा
हाथों को खाली पाएगा
बस एक कदम, हाँ एक कदम
बस एक कदम तू और चलेगा
हाँ वक्त बुरा हैं वो भी बदलेगा
बस एक कदम…तू और चलेगा

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